सुस्त लोग बॉडी केसे बनाये
Hi फ्रेंड्स एक अच्छी बॉडी बनाना कोई बड़ी बात नहीं है आज की तारीख में सब कुछ संभव है हर कोई चाहता है उसके बड़े -बड़े biceps हो muscle हो abs हो चोडी छाती हो etc. मजेदार बात पता है क्या है जब आप रोड पर चलते हो तो आप को लड़कीया मुड़कर देखती है बल्कि लड़के भी देखते है क्योंकि आप आम लोगो से अलग दिखते हो . क्या सारी ज़िन्दगी ऐसे ही निकालनी है भीड़ बनकर नहीं नहीं नहीं नहीं ...तो ये ब्लोग उन लोगो के लिए है जो थोड़ी बहोत इच्छा रखते है Muscle बनाने की specially वो लोग जो बॉडी बनाना चाहते तोपर सुस्ती उनकी रुकावट है चलो भाइयो शुरु करते है-
टिप्स
1. Mindset किसी भी काम को करना है तो mindset होना जरुरी है सबसे पहले mindset बनाइये की मुझे बॉडी बनानी ही है चाहे कुछ भी हो जाये. याद रखना हर इन्सान की muscle है जो हमारी सुस्ती की वजह से नहीं दिख रही ...
2. Warm up वार्म उप से शुरुआत करे- सुबह उठे सबसे पहला काम गर्म पानी पिए फ्रेश होने के बाद Stretching करे वार्म उप करना उतना ही जरुरी है जितना की खाना खाना नहीं तो muscle प्रोब्लेम् हो सकती है !
3. Push up- अपनी बॉडी को कुछ challenge दे - जसे पुश उप PUSH UP करना बहुत जरुरी है अगर अप को पुश केसे शुरु करने है तो में एक link दे रहा हु जहा आप पुश उप लगाना शुरु करे सकते है इस विडियो को देखकर
देखिये जब तक आप अपनी body को fatigue (थकाना) तक नहीं ले जाये गे तो आपका बॉडी Muscle ब्रेक डाउन नहीं होगी और ब्रेक डाउन नहीं होगी तो Grow नहीं होगी बॉडी को थकाना बहुत जरुरी है एक्सरसाइज के बाद जब muscle ब्रेक डाउन होती है और आप अपना Nutrition लेते है तो आपकी Muscle ग्रो होती है -
5. आराम करना या सोना-
अगर आप को पता हो सोना कम से कम 7-12 hours आपको magical Growth दे सकता है आप को रात जल्दी सोना चाइये जिससे आप की नीद पूरी हो सके अगर आप को पता हो हमारी बॉडी सोते समय जयादा grow करती है जेसे हमारे hair, nails, Height etc.
6. प्रोटीन का सेवन करना-
प्रोटीन मसल्स बनाता है और उन्हें बरकरार रखता है। इसे पचाने में एनर्जी खर्च भी होती है और इससे एनर्जी मिलती भी है। इसकी मात्रा तय करने का भी सीधा गणित है, जिम जाने वालों को प्रति किलो वजन के हिसाब से एक से दो ग्राम के बीच प्रोटीन लेना चाहिए। मसलन वजन 60 किलो तो प्रोटीन 60 से 120 ग्राम के बीच पूरे दिन में ले जेसे सास लेने के लिए oxygen चहिये वेसे ही प्रोटीन लेना बहुत जरुरी है-
निचे दिए गए प्रोटीन रिसोर्सेज दे रहा हू उन्हें अपने life स्टाइल का हिस्सा बनाये-
Top 10 High-Protein Foods to Eat-
- हाई प्रोटीन फूड है अंडा-
अगर आप हर एक मसल्स को एक दिन देना चाहते हैं तो छह दिन वर्कआउट प्लान बना सकते हैं। इस वर्कआउट प्लान में पहले दिन चेस्ट, दूसरे दिन बाइसेप्स, तीसरे दिन ट्राइसेप्स, चौथे दिन शॉल्डर, पांचवे दिन बैक, छठे दिन लेग का वर्कआउट प्लान बना सकते हैं। दिन में केवल एक बार वर्कआउट करें।
अगर आप पांच दिन एक्सरसाइज प्लान करते हैं तो बदल-बदलकर दो मसल्स एक साथ बना सकते हैं। कई बॉडीबिल्डर ऐसे चार्ट प्लान में बाइसेप्स और ट्राईसेप्स एक साथ करते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ लोग कॉर्डियो के लिए भी एक दिन अलग से रखते हैं।
अपनी क्षमता के अनुसार ही वर्कआउट करें, लेकिन याद रखें कि इसे हर दिन एक पायदान ऊपर ले जाएं वरना आपको सुधार देखने को नहीं मिलेंगे। यह न्यूनतम 30 मिनट और अधिकतम 2 घंटे (सेट के बीच बाकी को छोड़कर) होना चाहिए।
8. प्री-वर्कआउट मील जरूर लें- जेसे कुछ Examples निचे दे रहा हु -
कार्ब्स (Carbs) -
शरीर में ग्लाइकोजन का लेवल कम होने से आपको थकान होने लगती है। इसलिए जब आप जिम में एक्सरसाइज करते-करते थक जाते हैं, तो इसका मतलब ये होता है कि आपका ग्लाइकोजन टैंक खाली हो गया है और इसको भरने की जरुरत है, ताकि आपको एनर्जी मिल सके।
कार्ब्स आपकी बॉडी के मसल्स में ग्लाइकोजन भर देते हैं और आप फिर से चार्ज हो जाते हैं और वर्कआउट या एक्टिविटी में अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं।
कार्ब्स का मतलब ये नहीं है कि आप वर्कआउट के पहले रोटी या चावल खाएं। बल्कि आप कार्ब्स ड्रिंक्स, स्पोर्ट ड्रिंक या फिर केला भी खा सकते हैं। इसे प्री या पोस्ट वर्कआउट दोनों में यूज कर सकते हैं।
बीसीएए (BCAA)-
(Branched Chain Amino Acid) तीन अमीनो एसिड ल्यूसिन (Leucine), वेलिन (valine) और आइसोल्यूसिन (Isoleucine) से मिलकर बनाता है। ये एक असेंशियल अमीनो एसिड (Essential Amino Acid) है।
हमारी बॉडी जो अमीनो एसिड्स प्रोड्यूस नहीं करती जिसे हमें अपनी डाइट या सप्लीमेंट से लेना होता है उन्हें असेंशियल और जो अमीनो हमारी खुद प्रोड्यूस करती है और जिसके लिए सप्लीमेंट और डाइट की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती वो नॉन-असेंशियल अमीनो एसिड्स (Non-Essential Amino Acid) कहलाते हैं। बीसीएए को प्री वर्कआउटऔर पोस्ट वर्कआउट के रूप में भी लिया जाता है।
एक्सरसाइज के दौरान हमारी बॉडी Catabolic स्टेज में चली जाती है और यदि बॉडी में अमीनो एसिड की कमी होती है तो ऐसे में मसल्स को हमारी बॉडी एनर्जी के रूप में यूज करने लगती है, जिससे मसल्स लॉस होने लगता है। वहीं ऐसे में BCAA मसल्स को होने वाले नुकसान को रोकता है और उन्हें रिपेयर करता है।
यदि आप एथलीट हैं या फिर कोई गोल अचीव करना चाहते हैं, उसमें BCAA बहुत हेल्प करता है। साथ ही साथ ये ब्रेक मसल्स को रिपेयर भी करता है। हाल में हुई कुछ रिसर्च के मुताबिक, BCAA फैट कम करने में कुछ हद तक हेल्प करता है। फिलहाल इस पर और भी रिसर्च चल रही हैं।
कैफीन -
कैफीन आपके दिमाग के सेल्स को एक्टिव कर देता है और आपकी बॉडी को एनर्जी भी देता है, इसलिए इसका उपयोग करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
कैफीन से आपका मेटाबॉलिज्म भी बढ़ सकता है। लेकिन ध्यान रहे कैफीन का अत्याधिक सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इसे प्री वर्कआउट के रूप में यूज कर सकते हैं।
विटामिन-सी (Vitamin-C)-
विटामिन-सी को एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में यूज किया जाता है जो आपकी मेटाबॉलिक रेट को भी हाई करता है। जब आपका शरीर वर्कआउट के बाद थोड़ा दर्द करने लगता है या फिर तनाव में आ जाता है तो उस समय विटामिनन-सी लेना काफी फायदेमंद होता है। ये आपके शरीर को सही रखता है और ठंड-गर्म होने से भी बचाता है।
कई लोग इसकी टेबलेट्स का यूज करते हैं, तो कई संतरा या उसके जूस का भी प्रयोग करते हैं। इसे प्री या पोस्ट वर्कआउट दोनों में यूज कर सकते हैं।
विटामिन-ई (Vitamin-E)-
विटामिन ई सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावी एंटीऑक्सिडेंट में से एक है। ये आपके मसल्स ग्रोथ के अलावा मसल्स ब्रेक होने से भी रोकते हैं, जिससे आपकी सेहत अच्छी रहती है।
साथ ही साथ ये आंख की रोशनी, बाल, स्किन और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है। कैप्सूल या फूड से विटामिन ई प्राप्त कर सकते हैं। इसे प्री या पोस्ट वर्कआउट दोनों में यूज कर सकते हैं।
ऊपर दी हुई जानकारी से अब आप समझ ही गए होंगे कि आपको अपना गोल अचीव करने में कौन सा सप्लीमेंट एड करना है।
Last Point- धीरज रखें-
Summery-
बॉडी बिल्डिंग एक विज्ञान है। ये दंड लगाने और दूध पीने से कहीं आगे की चीज है। जो बडे़-बड़े बदन आप देखते हैं, जो सिक्स पैक एब्स के ऊपर 18 इंच का बाइसेप्स आप निहारते हैं, ये दूध और दंड से नहीं बनते। इन्हें विज्ञान और जुझारूपन बनाता है। इस विज्ञान को समझ लेंगे तो कम समय, कम खर्च और कम गलतियों में अच्छे नतीजे हासिल कर लेंगे। वरना शरीर, वक्त और रुपया सबका नुकसान उठाना होगा।
बॉडी बिल्डिंग के मोटे तौर पर तीन हिस्से होते हैं-
1 एक्सरसाइज
2 डाइट
3 आराम
जरूरत के हिसाब से एक्सरसाइज की जाती है। जिम में वक्त बिताने और एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही आप जान पाते हैं कि आपके लिए मौजूदा वक्त में क्या सही है।
डाइट : जिम में बिताया एक से डेढ़ घंटा आपसे छह वक्त का खाना मांगता है। उसके इंतजाम में वक्त और पैसा दोनों लगता है। अगर वाकई कुछ बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो जेब का ख्याल भी रखें।
आराम : दिन बेचैन, रात बेचैन तो शरीर कहां से खुश रहेगा। एक्सरसाइज के दौरान आपके शरीर में खूब टूटफूट होती है। इस टूटफूट की मरम्मत होती है आराम के दौरान। अगर आप आठ घंटे की नींद नहीं ले पा रहे तो अच्छे नतीजे आना बड़ा मुश्किल है।
अच्छी बॉडी के लिए यह हिसाब लगाना भी जरूरी है कि क्या खाना है और कितना खाना है। खाने-पीने की तमाम चीजे हैं, किसमें कितना प्रोटीन, फैट वगैरह हैं, यह जानकारी आपको और जुटानी होगी और आप एक अच्छा डाइट चार्ट बना पाएंगे। आप सबकुछ सही कर रहे हैं, लेकिन डाइट सही नहीं ले रहे तो नतीजा व्यर्थ ही रहेगा।
डाइट का विज्ञान :
कुछ ऐसे शब्द हैं, जो इन दिनों आपको ज्यादा सुनने को मिलेंगे। जैसे प्रोटीन, कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, फैट। आइए जानते हैं इन शब्दों का आपके लिए क्या मतलब है
कैलोरी : आपको दौड़ने-भागने से लेकर सांस लेने तक में एनर्जी (ऊर्जा) की जरूरत होती है। इसी ऊर्जा को कैलोरी में नापा जाता है। आप जो खाते-पीते हैं उससे आपको ऊर्जा मिलती है। बहरहाल मुद्दे की बात ये है कि वजन घटना हो या वजन बढ़ाना हो कैलोरी तो खर्च होगी ही।सवाल ये है कि कितनी। इसका सीधा सा फार्मूला है अगर आपका वजन 100 किलो है तो आपको 100 गुणा 30 मतलब 3000 कैलोरी तक लेनी होगी। अपने वजन को 30 से गुणा कर मात्रा तय कर लें।
प्रोटीन : प्रोटीन मसल्स बनाता है और उन्हें बरकरार रखता है। इसे पचाने में एनर्जी खर्च भी होती है और इससे एनर्जी मिलती भी है। इसकी मात्रा तय करने का भी सीधा गणित है, जिम जाने वालों को प्रति किलो वजन के हिसाब से एक से दो ग्राम के बीच प्रोटीन लेना चाहिए। मसलन वजन 60 किलो तो प्रोटीन 60 से 120 ग्राम के बीच पूरे दिन में।
कार्बोहाइड्रेट : ये हमें काम करने की ऊर्जा देता है। प्रोटीन और फैट के मुकाबले यह बहुत जल्दी ग्लूकोज में बदल जाता है। भारतीयों के भोजन दाल, चावल, रोटी, सब्जी में कार्बोहाइड्रेट की ठीक-ठाक मात्रा मौजूद होती है। अब आपको कितना कार्ब्स चाहिए ये डिपेंड करता है इस सवाल पर कि आपको कितनी कैलोरी चाहिए। अगर आपको रोज दो हजार कैलोरी चाहिए तो 250 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना होगा। फॉर्मूला है 2000 को 2 से भाग करो और फिर जो आए उसे 4 से भाग करो।
डाइट में क्या और कितना
45 फीसदी कार्बोहाइड्रेट
15 फीसदी फैट
40 फीसदी प्रोटीन
इस बात का ध्यान रखें की यह एक बेसलाइन है। शरीर की जरूरत के हिसाब से कम ज्यादा होना लाजमी है। अपनी डाइट और एक्सरसाइज तय करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
धन्यवाद् अपने ये सब ध्यान से पढ़ा कृपया करकर ये हर उस इन्सान तक पहुचाये जो बॉडी बनाना चाहता है ...Love You All your Harpal Saini
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